“कहते हैं पिछली सदी का चांद इस सदी जैसा नहीं था” एक बोला. “नहीं बिल्कुल ऐसा ही था” दूसरे ने पहले की बात काटी. “तुम्हें कैसे मालूम है” पहले ने पूछा. “मैंने म्यूजियम में देखा था” दूसरे ने बताया. “वहां चांद कहां से आया” पहले ने पूछा. “यह मुझे क्या पता” दूसरा बोला. “तुमने किस म्यूजियम में देखा था” पहले ने फिर सवाल किया. “सरकारी म्यूजियम में” दूसरे ने अपनी जानकारी जाहिर की. “चलो वही चलते हैं चलोगे “ पहले ने चलने की तैयारी करते हुए कहा. दोनों चल दिए. म्यूजियम पहुंचने पर पता चला कि वह चांद जरा टेढ़ा