न्युटन का अपराध

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अर्जुन अपने 5 भाइयों के साथ मुजफ्फपुर में रहता था। उसके पिता सरकारी मुलाजिम थे । गुजर बसर लायक बामुश्किल कमा पाते थे । अक्सर खाने पीने के लिए अन्य भाइयों के साथ उसको छीना झपटी करनी पड़ती थी। मन लायक भरपुर खाना यदा कदा हीं नसीब होता था। गर्मी की छुट्टियों में उसके मम्मी पापा गाँव गए थे। वो ट्यूशन के चक्कर में शहर हीं रुक गया था। रोज सुबह उठता, चिउड़ा के साथ हॉर्लिक्स मिला कर खाता, ट्यूशन वाले मकान के पास एक होटल में बैठकर चावल और आलू की भुंजिया दबा कर खाता और फिर शाम को