जजनी

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दस साल की मिथिलेश को मां ने जब काम के लिए जज साहब के घर भेजा तब मां ने कठोर होकर बस इतना ही कहा मन लगा कर काम करना और जज साहब और जजनी का ध्यान रखना ।बहुत बड़ी कोठी थी जज साहब की और चारों तरफ खूब बड़ा अहाता ।आम, लीची ,जामुन ,कटहल के पेड़ मिथिलेश को अपने घर की याद दिलाते थे।३० साल‌की उम्र में विधवा हो गई उसकी मां पर ४ लड़कियों और एक ६ महीने के लड़के की जिम्मेदारी थी । सड़क के साथ लगती जमीन में एक दुकान थी । पर मां ने कभी लड़कियों