उस रोज़ ज़ाहिदा ने महक के बाथरूम में मर्दाना बाथ-रॉब में लिपटी ब्रीफ देखी थी तभी उसके दिमाग में कुछ खटका जरूर था पर फिर विचारों को परे झटककर वह सोने चली गयी थी किन्तु महक के एक फ़ोन ने पिछली सारी कड़ियाँ जोड़नी शुरू कर दी थीं मसलन साफ़ एश-ट्रे में भी कुछ राख़ का अंततः बची रह जाना, अलमारी में पुरुष की कमीजें, शेविंग-किट और बेड से सटी टेबल में कुछ कंडोंम के अनपैक्ड पैकिट महक ने जल्दी से सबकुछ क्लीन कर दिया था ये कहते हुए कभी-कभी जल्दबाज़ी में अल्ताफ़ यहीं से तैयार होकर दफ्तर चला जाता है अतुल ने तो शायद ये सब नोटिस भी नहीं किया था