सरिता जी और अनुपम जी का बेटा कानपुर शहर में किसी सरकारी बैंक में कार्यरत था।और वे दोनों वही पास के गांव में रहते थे । लेकिन बूढ़े होते शरीर में अब बीमारियों ने दस्तक देनी शुरू कर दी थी। इसलिए उनका बेटा रंजीत छुट्टियों में घर आया तो उन लोगों को जिद कर अपने साथ लेता गया । इस वादे के साथ की वो उन्हें शहर के किसी अच्छे डाक्टर से दिखाकर तुरन्त पंहुचा देगा ।रंजीत के अलावा सरिता जी और अनुपम जी की एक बेटी भी थी ।जिसकी शादी वो दो वर्ष पहले कर दी थी ।सो बिटिया