हवाओं से आगे - 21

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हर प्रश्न के दो जवाब होते हैं, अतुल हमेशा आजकल ज़ाहिदा से यही कहा करता था अक्सर होता भी यही था कि बात-बात में वह इसी जुमले को दोहराता और हमेशा उसके दिए जवाब में दो मत उपस्थित होते थे वह अपनी सहजता के हिसाब से बेहतर वाले ऑप्शन पर वह तर्क देता और हर बहस के अंत में वह पूर्ण आत्मविश्वास से दोहराता, “मैंने तो पहले ही कह दिया था कि किसी निर्णय पर पहुँचने से पूर्व हमेशा उसके दो पहलुओं पर विचार करना चाहिए”