जिन्होंने हमारे भारत देश को गुलाम बनाया और देशवासियों पर भयंकर अत्याचार किये, उन अंग्रेजों की नई साल को न मनाने पर तर्क प्रस्तुत करती मेरी कविता........------------------------------------------------नये साल के आ जाने पर, कितना ज्यादा शोर है,कुछ लोगों की हालत देखो, पागलपन की ओर है।अँगरेजों के नये साल पर, यह इतना चिल्लाते हैं,भूल के सारे स्वाभिमान को, यह पागल बन जाते हैं।राम-कृष्ण के वँशज हैं हम,