सुजीत को बचपन से डर लगता था परीक्षा का रिजल्ट सुनने में ....जिस दिन रिजल्ट आने वाला होता, वो उदास नर्वस बैठ जाता. उसके पेपर अच्छे बनते, फिर भी परिणाम सुनने के पहले उसकी हालत खराब रहती. स्कूल जाने के पहले वो एक दो बार बाथरूम तक हो आता . किसी तरह घायल पंछी की तरह स्कूल पहुँचता . फिर मास्टर जी आते, सबका रिजल्ट लेकर .क्लास में सन्नाटा पसर जाता .मास्टर जी थोड़ा लेक्चर पिलाते और फिर सबको नाम से पुकारते ,उसका नाम आते आते जाने कितने तूफ़ान से उसे गुजरना पड़ता ,वही जानता था ,और ज्योंही उसे पास