खेल प्यार का...भाग 9

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प्रस्तावना..... कहानी वसिम और कायनात की प्रेम 6कहानी है ! मैं इस कहानी को आपके समक्ष पहली बार रजू करने जा रही हूं! लिखना आता है या नहीं वह तो आप पर निर्भर करता है मुझे जज आप करोगे..! देखते हैं मेरी संवेदनाएं इस कहानी में कैसे रंग लाती है..!मुझे यकीन है कि आप लोगों को जरूर पसंद आएगी..!) उसके बाबा की हालत भी खराब थी! अपनी ईक्लोती बेटी कहाँ गई ? क्यू गई? कुछ समझ नहीं आ रहा था ! दोनों का हाल बुरा था ! झार-झार रो रहे थे दोनों! फिर भी एक दूसरे को तसल्ली देते हुए बोल रहे थे ! हमारी कायनात को