क्या हम कभी बिछुडे? नही ना। क्या दिल कभी टूटे नही ना। जो साथ हो तेरा हो जाए ये जहान मेरा। हीर वे, हीर वेे क्यों हुए जुदा वे। हीर वे, हीर वे तू बेशकीमती कोहीनूर वे। हीर हीर करता दिल बेचारा पागल हुआ राँझा आवारा। पहले था मैं बहुत बिगडा तूने हीर तो मुझे सुधारा। काली थी वे रात काली थी वे शाम कफ़न में थी तू रोयी ये रूह मेरी हाँ। रोए रोए ये राँझा रोए बंद कोठरी ताकि कोई न देखे। जब कल ये कविता लिखी कुछ पल बाद तेरी बात चली। खुश था कि तेरा साथ