नया सवेरा - (सवेरे का सूरज) - 1

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खट। खट।। ’’कौन ? ‘‘ ’’जी। पोस्टमैन। बाबू जी आपकी रजिस्टी है। आकर ले लें। ‘‘अभिमन्यु घर से बाहर आया। दस्तखत किये। लिफाफा लिया। खोला। पढ़ा। और खुशी से चिल्ला पड़ा। ‘‘मॉ। मॉं मुझे नौकरी मिल गयी। ‘‘ अभिमन्यु तेजी से दौड़ पड़ा। खुशी के मारे उसके पांव जमीन पर नहीं पड़ रहे थे। पिछले तीन वर्पो से वह निरन्तर इधर उधर अर्जियां भेज रहा था, साक्षात्कार दे रहा था मगर नतीजा वही ढाक के तीन पात। हर बार या तो उसकी अर्जी निरस्त हो जाती या फिर साक्षात्कार में उसे अयोग्य घोपित कर दिया जाता।