साहिल मध्यमवर्गीय परिवार से संबध रखने वाला एक आम लड़का था। उसे आज तक ये समझ में नहीं आया था कि मध्यमवर्ग में निम्न और उच्च मध्यम वर्ग का वर्गीकरण क्यों किया गया है? खेर अब उसने इसपर सोचना भी बंद कर दिया था। परिवार में वो सबसे बड़ा लड़का था;सो परिवार और समाज ने संस्कार का सारा बोझ उसी के मजबूत कंधो पर रखा ताकि छोटी बहन पर ज्यादा मेहनत न करना पड़े।यहां तक तो सबकुछ ठीक ही था लेकिन असली दिक्कत शुरू हुई २१ वे साल के बाद।चूंकि अबतक के उसके जीवन में उसे एक आदर्श बालक के