बहूधन

(19)
  • 4.7k
  • 5
  • 1.4k

सेठ खेलावनदास अपने गाँव में बहुत जाने-माने पहुँचे हुये व्यक्ति थे धन-दौलत किसी भी प्रकार की कोई कमी न थी। उनके एकलौता ही पुत्र था। दुनिया समाज को देखते हुये उन्हे ये डर था कि पुत्र का विवाह करने पर यदि बहू ठीक न मिली तो बुढ़ापा नर्क समान हो जायेगा इसलिये वो अपने पुत्र का विवाह एक ऐसी कन्या से कराना चाहते थे जो उनके घर को स्वर्ग बना दे। सेठ खेलावन दास अपने बड़े से बंगले में चिंताजनक स्थिति में बैठे थे कि उसी समय उनका खानदानी पंडित आ पहुँचा । सेठ जी को ऐसी स्थिति में पाकर