जीत :1 ये उन दिनों की बात है जब मैं घुटने के बल पर चलता था. मेरे पिताजी गरीबी से तंग आकर मां से लड़ते हुए घर से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं और झगड़ रहे हैं, मां गिड़गिड़ा रही है, एक ओर सटोव पर कुछ पकाने के लिए रखा था, मैं उस ओर खिसकने लगा था, मां ने देखा तो घबरा कर मेरी ओर लपकी, पिता को अवसर मिला और भागने में सफल हो जाते हैं.मां ने देखा तो घबरा कर मुझे गले लगा कर रोती तडपती रही.सर से छत् भी छिन चुकी थी,मां को आभास हो