वास्तविक खुशी

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"वास्तविक खुशी" आर0 के0 लाल आज मैं जब शाम को घर आया तो मेरे बच्चों ने दरवाजे पर मुझे रिसीव किया । मेरा बैग ले लिया तथा मेरे साथ सोफा पर बैठ गए । उन्होंने आवाज लगाई - “मम्मी ! पापा आ गए हैं , उनके लिए नींबू पानी ले आओ ।” बच्चों ने पूछा “ पापा आप कहां से आ रहे हैं ? आज का दिन आपका कैसा बीता? क्या क्या आपने किया , क्या खाना खाया? क्या नाश्ता किया? किसी से कहासुनी तो नहीं हुई? रास्ते में कहीं जाम में तो नहीं फंसे ।” सच मानिए