"बदलते वक़्त पर कुछ ही लोगों का हक है क्या?" अपनी मम्मी से शिवाली ने पूछा, घर में चर्चा ज़ोरों पर थी, अठ्ठईस वर्षीया शिवाली जो सरकारी बैंक में मैनेजर हो गई है उसके लिए योग्य वर कौन सा हो सकता है ? घर के सभी सदस्य अपनी - अपनी राय देने में लगे थे, इसमें सबसे महत्वपूर्ण राय पापा और ताऊजी की थी, क्योंकि बाहर के अपने तुपने और मतलब परस्त रिश्तों को सींचने का काम मध्यम वर्गीय परिवारों में आज भी पुरुषों का ही होता है, मम्मी ने कहा " बेटा क्या है ये , इतनी समझदार हो