खेल प्यार का...भाग - 3

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खेल प्यार का....भाग 3प्रस्तावनायह कहानी वसिम और कायनात की प्रेम कहानी है मैं इस कहानी को आपके समक्ष पहली बार रजू करने जा रही हूं!  लिखना आता है या नहीं वह तो आप पर निर्भर करता है मुझे जज आप करोगे देखते हैं मेरी संवेदनाएं इस कहानी में कैसे रंग लाती हैमुझे यकीन है कि आप लोगों को जरूर पसंद आएगी..!)(भाग 2 में अपने पढ़ा की वसीम कायनात का हाथ पकड़ के अकेले में ले जाता है।..)"वसीम ये क्या कर रहे हो ..?कायनात डरते हुए कहा!वसीम ने उसे चुप करते हुआ बोला!आज तुम्हे मेरी बात सुना पड़ेगी..!  कब  से अपने