मास्टर साहब

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गांव में हलचल मची है। मास्टर साहब सस्पेंड हो गये। गांव के लोग आक्रोशित हैं। भैस चराने वाला अलगू आक्रोशित है। हल जोतने वाला जानकी गुस्से में है। गांव का पढ़ा और अनपढ़ दोनों वर्ग गुस्से में है। अस्सी वर्षीय दशरथ चाचा कहते हैं, “ई अन्याय है, अन्याय। जो शिक्षक हमेशा समय पर आता-जाता हो, अपना शिक्षक धर्म निभाते हुए शिक्षा का मशाल हर जन-जन तक पहुंचता हो, उसे सस्पेंड करना कहाँ का न्याय है?” पर विधायक का खास आदमी और लम्पटई का मास्टर किशना कहता है, “सबका अपना-अपना लक्ष्मण रेखा होता