फ्यू -फाइन्ड इटर्निटी विदिन - क्योंकि लाइफ की ऐसी की तैसी न हो - भाग-2

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५) नदी कभी अपना पानी नहीं पीती। कोई वृक्ष अपने फल नहीं खाता। बारिश की वजह से जो दाने उगते हैं, वो दूसरों के काम आते हैं। फिर इंसान क्यूँ चाहता है कि उसने जो कुछ पाया है, वो सारा का सारा सिर्फ उसी के भोग-विलास के लिए उपयोग में आए। ताज्जुब की बात है, इसी इंसान के जीवन को सँवारने का कार्य शिक्षक करता है। शिक्षक वो है, जो ज्ञान तो बहुत बांटता है, पर बदले में पाता बहुत कम है। अब दुनिया में ऐसे व्यवसाय बहुत कम रह गये हैं, जो देना सिखाते हैं। कोई बात नहीं, इंसान