जैसा खाये अन्न

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कुछ दिन से चिंटू(चूहे) में जीवन मे कुछ अलग अनुभव हो रहा है, वह जब भी किसी छोटे जानवर को देखता उसके मुंह से भेड़िये जैसी गुर्राहट निकलने लगती, उसकी मूंछे खड़ी हो जाती उसकी नाक भी कजकल कुछ ज्यादा ही सूंघने लगी है।कई बार तो अपनी इस वहशियाना स्थिति में वह अपने कई बिरादरी वालों को भी घायल कर चुका है।चान्दनी रात में तो उसकी स्थिति और भयावह होने लगी है कल पूर्णिमा की रात में उसे कई बार वहशियत के दौरे पड़े उसने एक खरगोश को मार डाला, एक बिल्ले से भिड़ गया और घायल होने से पहले