मेरे अनकहे जज्बात। - मृत्यु कुण्ड - 2

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शब्दों की सार्थकता तो तब ही है जब वह अपने उद्देश्य को प्राप्त कर ले , समान्यतः मौलिक रूप से मैं कोई कवि या लेखक नहीं हूँ . अतः यह तो कभी कह ही नही सकता कि लेखन में त्रुटि नही होगी या बहुत अच्छा मैंने लिखा है.. इस लिए आप सभी से अनुरोध है कि अगर हो सके तो उन त्रुटियों को जरूर रेखांकित करें जिस से मैं आगे उनका परिमार्जन कर सकूँ और इस से ज्यादा बेहतर लिख ने में कामयाब हो पाऊँ.. मैंने भरसक प्रयास किया है कि शब्द अपनी कथा अपने पाठक को सुना पाने में समर्थ हों..आप सभी पाठकों का मैं स्वागत करता हूँ ....