लहरें (गीतों का संकलन)

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गीत-1 कहूँ क्या प्रिये याद आने लगी हो नई सुबह आयी, नया है सवेरा, नई टहनियों पर नया है बसेरा, मेरे मन को तुम गुदगुदाने लगी हो, कहूँ क्या प्रिये याद आने लगी हो।। है पहला ही सावन, तेरी याद आयी, ये सौतन कोयलिया मधुर गीत गायी, ये बारिश की बूंदों के कलरव की तानें, बताओ प्रिये अब ये दिल कैसे माने, कटी कैसी रातें, शिकायत नहीं है, उजालों में भी तुम सताने लगी हो, कहूँ क्या प्रिये याद आने लगी हो।। पड़ी ओस बूंदों को मैं सेंकता हूँ,