शहर से चार - पांच मील दूर एक गांव सुबह का समय एक खूबसूरत छोटे से घर के किचन में चाय बनाती रिचा जी, अपने पति को आवाज लगाती। मास्टर जी जल्दी आना , मै चाय ला...अचानक से मास्टर जी पीछे से आकर अपनी खूबसूरत पत्नी को गोद में उठा लेते हैं।अरे छोड़ो भी मेरी चाय निकाल जायेगी। सुबह- सुबह इतना रोमेंटिक मत हुआ करो मास्टर जी, गालों में चुटकी भर के रिचा जी अपने प्यारे पति से बड़े ही प्यार से कहती।मास्टर जी कुछ कहते उससे पहले उनकी मां किचन के दरवाजे पर आ पहुंची।राज बेटा क्या हुआ बहू