चाहत.

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यू तो मंजिल के रस्ते हज़ार मिलेंगे कलियो सैंग कांटे हज़ार मिलेंगे चलेंगे संभल संभल कर रस्तो पर फरिस्तो के नकाब ओढे सैतान मिलेंगे सूरज की किरनो ने धरती को जेसे सोना बिखेर रही हो ओर पंखी उस सोने को चुग रहे हो ।सारी सृष्टि मे कुछ नया सा जादू भर दिया हो उसी तरह सूरज की रोशनी उसके चेहरे पर खिलती दिख रही थी ।कुछ अलग सी खुशी उसके चेहरे