समय की बात तो सुनिए कभी दिल कि बात तो कहिए कभी मेरी प्यार की कहानी सुनिए कभी अपनी दर्द कि कहानी कहिए दीदार से बढी धड़कन को तो सुनिए कभी उस मेहबुब को भी तो देखीए इंतज़ार दिल तुझे किसका इंतज़ार है अब खतम हो गया हमारे दरमियान सब कैसे जीना है मुजे अबसिख लिया बेवफ़ा से सबइतना भी दिल लगाना उससे अबकि यादे दर्द-ए-दिल बन जाये सबकुछ तो बता दे ए मेरे रब कैसा हैं मेरा दिलबर अब दिल तुझे क्यों इंतज़ार हैं अबछोड़ के चला गया है वह सब पानी जीवन एक बहता पानी हैं यही बनी अपनी कहानी हैंसदीयो से सुखा पडा