☆ बाऊजी की बनियान ☆बाऊजी की सफेद बनियान, जिसे दो साल पहले माँजी मेले से खरीद लाई थी । वह जब नई थी तो उजली सफेद और फिट थी पिताजी की बाहों पर फिट बैठती थी लेकिन अब वह सीने और बाहों से लटक गई है । उसका रंग कहीं उड़ गया है शायद घर की चिंता में ..... नही घर की चिंता में क्यों ? कहीं ज्य़ादा धुलने से उड़ गया होगा । मेरी बहन पिताजी कहती है, लेकिन मेरे मुँह से बाऊजी ही निकलता है । बाऊजी की बनियान में बहुत से छेद हैं ... सीने के सफेद बाल बाहर झांकते हैं ... लेकिन हम