प्रायश्चित नर्मदा नदी के किनारे पर बसे रामपुर नाम के गाँव में रामदास नामक एक संपन्न कृषक अपने दो पुत्रों के साथ रहता था। उसकी पत्नी का देहांत कई वर्ष पूर्व हो गया था, परंतु अपने बच्चों की परवरिश में कोई बाधा ना आए इसलिये उसने दूसरा विवाह नही किया था। उसके दोनो पुत्रों के स्वभाव एक दूसरे से विपरीत थे। उसका बडा बेटा लखन गलत प्रवृत्ति रखते हुए धन का बहुत लोभी था, परंतु उसका छोटा पुत्र विवेक बहुत ही दातार, प्रसन्नचित्त एवं दूसरों के कष्टों के निवारण में मददगार रहता था। वह कुशल तैराक भी था एवं