मैं कौन हूँ? अरे! तुम अभी तक सो रहे हो! सूर्योदय का कितना प्रकाश हो गया है। माँ की आवाज सुनकर राकेश हड़बड़ाकर उठा। माँ ने उसे चाय का प्याला थमा दिया और कहा- नहा-धो कर जल्दी नीचे आ जाओ। तुम्हारे पापा तैयार हो रहे हैं और नाश्ता भी तैयार हो चुका है। यह कहते हुए माँ कमरे से बाहर निकल गई। राकेश भी उठकर तैयार होकर नाश्ते की टेबल पर पहुँच गया। वहाँ उसके पिता उसकी प्रतीक्षा कर रहे थे। उसे देखते ही उन्होंने उससे कहा- आइये दार्शनिक जी! आज आपके दर्शन शास्त्र में कौन सा नया