जनजीवन भाग ३

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जय जवान जय किसान देश की सुरक्षा और हरित क्रान्ति का प्रतीक है जय जवान जय किसान! यह हमारी सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों का प्रणेता है जितना कल था उतना ही आज भी है उद्देश्यपूर्ण और सारगर्भित। कैसा परिवर्तन है हमारी सोच में या परिस्थितियो मे हमारा अन्नदाता कर्ज में डूबा कर रहा है आत्महत्या हरित क्रान्ति का प्रतीक खेती के लिये सरकारी अनुदान की ओर निहार रहा है सीमा पर सैनिक हमारी रक्षा के लिये हो रहा है शहीद, हमें उस पर गर्व है किन्तु कुछ हैं जो कर रहे हैं इसकी आलोचना ऐसे देशद्रोहियों से देष हो