उत्साहवर्धक कविता बस चल रहा हूं मैं... - बस चल रहा हूँ मै , मेरी मंज़िल है कहीं ... उत्साहव

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इंसान जब मायूस होता है या खुश होता है तो उसके मन में कई सारी बातें चल रही होती है । उन सारी बातों में कुछ बातें कहानियों का रूप ले लेती हैं , कुछ लेख का रूप लेती है और कुछ कविताओं का रूप ले लेती है । एक ऐसी ही कविता "बस चल रहा हूं मैं...."  है।  समाज में हतोत्साहित लोगों के लिए यह कविता एक प्रेरणास्रोत हो सकता है । इस कविता केेे माध्यम से उन लोगों के लिए एक प्रेरणा का माध्यम बन सकता है जिन्होंने अपने जीवन में कई कष्ट देखे हैं और उन कष्टों को