जीवन को सफल नही सार्थक बनाये भाग - ९

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81. जीवन का सच वरिष्ठ कवियत्री तथा लेखिका, म.प्र.लेखिका संघ की अध्यक्ष श्रीमती अर्चना मलैया ने भावनात्मक होते हुये एक घटना के विषय में बताया। यह बात उस समय की है जब वे बी.ए. अंतिम वर्ष की छात्रा थी, उन्होंने अपनी कक्षा में प्रवेश ही किया था कि पता चला कि हिंदी साहित्य की व्याख्याता के एकमात्र भतीजे की दो दिन पूर्व नदी में डूब जाने से अकाल मृत्यु हो गयी। हम सभी मन से दुखी हो गये थे। हमने देखा की वे व्याख्याता मेडम प्रतिदिन की तरह कक्षा में पढ़ाने हेतु आ रही थी। हम आश्चर्य में डूबे