रक्षक.... एक जंग प्यार और नफरत की

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ठीक उसी रात तकरीबन मध्यरात्रि के बाद कोई व्यक्ति जो अपने घर का रास्ता भटक कर श्मशान घाट के पास बने हुए घर के पास पहुच गया। अंधेरे के कारण उसे कुछ भी नहीं दिखाई नहीं दे रहा था। किसी आदमखोर जानवर जेसी अवाज को सुनकर उस व्यक्ति के पांव वही ठिठक गए। वह दबे पांव जब घर के पास पहुंचा तो उसे घर के अन्दर से आ रही धीमी रोशनी में उस घर के दरवाजे के सामने उसे किसी जंगली जानवर के पंजों के निशान दिखे, उसने डरते हुए किवाङो के एक सुराख से अंदर झांक कर देखा तो खौफ के मारे उसकी चीख निकल पड़ी और वो उल्टे पांव वहां से भाग खड़ा हुआ। चीख सुनकर सभी मुसाफिर बाहर निकल आए।