मैं अपने गाँव गर्मी की छुट्टियों में गया हुआ था. अपने बड़े बाबूजी से उनके बारे में पूछा तो ज्ञात हुआ उनकी मोटर बाईक के दुर्घटना में मौत हो गई है. एक एक करके मेरे मानस पटल पे पुरानी सारी स्मृतियाँ चिन्हित होने लगी. मेरे पिताजी श्रीनाथ सिंह आशावादी घनघोर नास्तिकता वादी विचारधारा से प्रभावित व्यक्ति रहे हैं. उनके अनुसार समाज और व्यक्ति की सेवा हीं सर्वोपरि है. भगत सिंह से काफी प्रभावित रहें हैं. बिहार के छपरा जिले में दाउदपुर रेलवे स्टेशन से लगभग चार किलोमीटर दूर मेरा गाँव कोहड़ा बाज़ार है जहाँ पे उन्होंने अपने शिक्षक के पद