सितंबर २०१८ की कविताएं

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सितंबर २०१८ की कविताएं१.जीवन में कम से कम एक बार प्यार कीजिए,ठंड हो या न हो, उजाला हो या न हो,अनुभूतियां शिखर तक जाएं या नहीं,रास्ता उबड़-खाबड़ हो या सरल,हवायें सुल्टी बहें या उल्टी बहें,पगडण्डियां पथरीली हों या कटीली,कम से कम एकबार दिल को खोल दीजिए।तुम्हारी बातें कोई सुने या न सुने,तुम कहते रहो ," मैं प्यार करता हूँ।"तुम बार-बार आओ और गुनगुना जाओ।तुम कम से कम एक बार सोचो,एक शाश्वत ध्वनि के बारे में जो कभी मरी नहीं,एक अद्भुत लौ के बारे में जो कभी बुझी नहीं,उस शान्ति के बारे में.जो कभी रोयी नहीं,कम से कम एकबार प्यार को