बेटी घर के आंगन का पंछी ??

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1.                                    बेटी बेटी एक भगवान का दिया हुआ वरदान होती हे. न जाने ए  दरिंदा समाज कितनी बेटियाँ खा गया लडके की चाहत में.......... बेटी घर का कलरव होती है पर जब उसका समय आता हे तब बिचारी गाय भी बन जाती हे नाथ जाने ए समाज दरिंदा कीतनी बेटियाँ खा गया लडको की चाहत में........ हम सान से दुगाँ काली मा की पुजा करते हैं और गभँपरीक्षण  कर कर के न जाने दरिंदा समाज कीतनी बेटियाँ खा गया लडको की चाहत में........ कीतनी नाजुक होती हे अपनी