शिव उवाच - छल (कपट)

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छल ============================महाभारत के बारे में सुनकर और रश्मिरथी पढकर मन बहुत खिन्न था | आखिर जब छल से भीष्म, द्रोण, कर्ण, दुर्योधन आदि का वध छल से हुआ तो फिर धर्म कहाँ से पांडव के पक्ष में ? अब इसके इलाज के लिए एक ही आसरा था शिव के पास जाऊं | पंहुचा शिव के पास; देखा शिव गणों को कुछ आदेश दे रहे थे, मैं थोड़ी देर खड़ा रहा फिर जब शिव मुक्त हुए तो उनका अभिवादन किया | शिव का आशीर्वाद मिला देख शिव बोले क्या बात है आज कुछ खिन्न सा दिख रहा बालक | अभी भी