मानवता के मशीहा - बाबा साहेब

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मानवता का मशीहा , नारी मुक्तिदाता , ज्ञान का प्रतीक या आधुनिक भारत के सम्विधान का जनक कहें । उनकी महानता , जीवन संघर्ष और उपलब्धियों से देश का प्रत्येक व्यक्ति परिचित है । बहुजन समाज उन्हें प्यार से बोधिसत्व बाबा साहब भीमराव अंबेडकर कहता है । उनकी विद्वता की सराहना भारत ही नही अपितु विदेशों में भी होती है । बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का जीवन बहुत ही कष्टों में बीता परंतु उन्होंने हार नही मानी और दुनिया में ज्ञान का प्रतीक बने । बौद्ध धर्म ग्रहण करने के पश्चात 1956 में उन्हें बोधिसत्व की उपाधि से सम्मानित किया गया । बाबा साहेब भीमराव की भारत की आजादी में सक्रिय भूमिका से लेकर तमाम शैक्षिक ,प्रशासनिक एवं सामाजिक सुधारों के बावजूद भी जातीय भेदभाव के चलते उनके परिनिर्वाण से काफी लम्बे समय बाद सन 1990 में उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया । सन 2004 में उन्हें पहले कोलंबियन अहेड ऑफ देअर टाईम से सम्मानित किया गया और 2012 में उन्हें द ग्रेटेस्ट इंडियन