सोसियल मीडिया के साइड इफ़ेक्ट

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मनुष्य अक्सर अच्छी यादों को संजो कर रखता है,एवं दूसरो से साझा करता है।अच्छी बातें  जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं।इसके विपरीत बुरी यादें मष्तिस्क के किसी कोने में दफन कर दी जातीं है,किसी को कानों कान खबर न हो जाये इस डर से मनुष्य घुटता रहता है।जिससे मन और मष्तिस्क में अस्वस्थता और नकारात्मकता घर करने लगती है।किसी भी घटना का उम्र से कोई सरोकार नहीं होता,ताउम्र मनुष्य घटनाओं दुर्घटनाओं से,जिंदगी का नया सबक सीखता है,इसलिये जरूरी है कि जीवन में एक साथी ऐसा अवश्य हो जिससे आप सबकुछ बेझिझक साझा कर सकें।इस अनुभव की चर्चा करना