गुनाहों का शहर - 2

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सालों से चल रहे एक हाई प्रोफाइल चरस स्कैण्डल की जब नव-नियुक्त एस.आई ने जांच पड़ताल शुरू की तो सारे शहर की पुलिस उसके खिलाफ हो गई। लेकिन फिर पुरुषोत्तम अपने कर्तव्य का पालन करता रहा। नई वाली हिंदी का एक प्रयास पूर्ण उपन्यास। बड़े लेखक को पढ़कर उनकी तरह लिखना एक परंपरा है। यह ज़रूरी भी है। अन्यथा नए प्रयोग सिरे से खारिज कर दिए जाते है। प्रस्तुत उपन्यास के भाग में नई हिंदी, भाषा है।