देहाती समाज - 19

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कैलाश हज्जाम और मोतीलाल दोनों ही, अपने झगड़े का निबटारा करने के लिए रमेश के पास अपने सारे कागजात और अपने-अपने पक्ष के सबूत लेकर आए। वे अदालत न जा कर रमेश के पास आए थे, यह देख कर रमेश को अत्यंत विस्मय और नए जागरण का आह्लाद हुआ। रमेश ने उनसे पूछा - 'तुम लोग मानोगे भी मेरा फैसला?'