हुश्शू - 1

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बेतुकी हाँक महुए से कुछ गरज है न हाजत है ताड़ की साकी को झोंक दूँगा मैं भट्टी में भाड़ की! हात्‍तेरे पीनेवाले की दुम में पुरानी भट्टी का जंग लगा हुआ भभका! ओ गीदी, हात्‍तेरे शराबखोर की दुम में मियाँ आलू बुखारा अत्‍तार की करनबीक! ओ गीदी, हात्‍तेरे मतवाले की मगड़ी के दोनों सिरों में कठपुतली नाच-ताक धनाधन ताक धनाधन। हात्‍तेरे की - और लेगा? अबे, तुम लोगों के हम वैसे ही दुश्‍मन हैं जैसे मोर साँप का, कुत्‍ता बिल्‍ली का, गेंडा हाथी का। गैंडे ने हाथी को देखा - और जंजीर तुड़ाके दौड़ा और सींग मारा और हाथी का पेट फाड़ डाला, - हात्‍तेरे की - और लेगा? मियाँ हवन्ना साहब कजली बन के महाराजा बने चले जाते हैं, मगर दुश्‍मन से नहीं चलती।