राष्ट्र का सेवक

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दुनिया ने कहा यह फ़रिश्ता है, पैगम्बर है, राष्ट्र की नैया का खेवैया है इन्दिरा ने देखा और उसका चेहरा चमकने लगा राष्ट्र का सेवक नीची जात के नौज्वाब को मंदिर में ले गया, देवता के दर्शन कराए और कहा हमारा देवता गरीबी में है, जिल्लत में है ये पस्ती में है दुनिया ने कहा कैसे शुध्ध अंतरुकरण का आदमी है! कैसा ज्ञानी! इन्दिरा ने देखा और मुस्करायी इन्दिरा राष्ट्र के सेवक के पास जा कर बोली, श्रध्धेय पिता जी, मैं मोहन से ब्याह करना चाहती हूँ राष्ट्र के सेवक ने प्यार की नजरों से देख कर पूछा मोहन कौन है? इन्दिरा ने उत्साह-भरे स्वर में कहा...