तुम्हारी मिन्नी - Letter to your Valentine

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राष्ट्रीय लेखन प्रतियोगिता (फरवरी) के अंतर्गत अपने वेलेंटाइन को पत्र........ ........ याद है न वो दिन जब बीमार होने के कारण तुम स्कूल नहीं आ पाए थे। नदी के आस-पास घूमते हुए गाँव के और बच्चों की तरह ही उस दिन तुमने भी गीली मिट्टी से एक छोटी सी इमारत बनाई थी। मुझे बहुत अच्छा लगता था नदी किनारे की गीली मिट्टी से खेलना, उससे खिलौने और घर बनाना। पर तुम कभी भी मिट्टी से नहीं खेलते थे। लेकिन उस दिन तुमने मेरे लिए एक इमारत बनाई थी और सूखने पर उसे सफ़ेद रंग से रंग दिया था। फिर लाल रंग लेकर उस पर लिख दिया था- मिन्नी का अस्पताल । मेरे स्कूल से लौटने की तुम बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे थे। याद हैं न.....जब मैंने स्कूल से लौटकर वह इमारत देखी थी तो गुस्से से दनदनाती हुई कुछ बोले बिना ही पास से एक पत्थर उठाकर वह इमारत तोड़ दी थी और तुम देखकर भौंचक्के रह गए थे ।