यह एक सच्ची प्रेरणादाई कहानी है।पूजा ने जो भी प्राप्त किया वह उनकी शिक्षा कारण ही संभव हो सका। अतः पूजा का शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को संदेश है कि चाहें कितनी कठिनाइयां आएं हमें अपनी पढ़ाई नहीं छोड़नी चाहिए। शिक्षा ही हमें सबल बनाती है। अतः हर हाल में स्वयं को शिक्षित बनाओ। पूजा वह मशाल हैं जो अँधेरे में रास्ता दिखाती है।