स्वयं को स्वीकार करें

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यह एक सच्ची प्रेरणदायक कहानी है। सुमित मेहता ने शारीरिक अक्षमता को बाधा नहीं समझा बल्कि हिम्मत से उसका सामना किया। उनका मानना है कि दूसरे आपके बारे में क्या राय रखते हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने बारे में क्या राय रखते हैं। यदि आप आत्मविश्वास के साथ लोगों से मिलते हैं अपनी शारीरिक कमी को बाधा नही समझते तो लोग आपको वही प्यार और सम्मान देंगे जिसके आप हकदार हैं।