प्रतीक में कही गयी व्यवस्था में कमियों की बात। एक व्यंग्य कथा। जंगल की हकीकत में शासन की छवि सभी को दिखती है। जनता त्रस्त और परेशान है। षड़यन्त्रों का खुलासा है। इसमें दिखाया गया है कि जनता की बेवकूफी और सरकार की कूटनीति से ही देश चलतें हैं।