रसखान को कृष्ण भक्तिने इतना मंत्रमुग्ध कर दिया था की उन्हों ने कृष्ण भक्ति पर अत्यंत भक्तिपूर्ण दोहे लिखे, जो काफी लोकप्रिय भी हुए