पहली सी मुहब्बत, मेरे महबूब न मांग ...........

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मैंने कहा भाई गनपत ,साफ-साफ कहो ,पहेलियाँ मत बुझाओ वैसे पिछले महीने भर से इलेक्शन वाली पहेलियाँ बुझा-बुझा के आपने हमारा दिमाग खाली कर लिया है सीधे-सीधे बताओ तो सही बात क्या है,जहाँ आप हमारी दखल चाहते हैं