पराभव मधुदीप भाग - पन्द्रह "आपको मालूम है...आज हमारे मुन्ना की तीसरी वर्षगाँठ है |" मनोरमा ने कृष्ण को गोद में लेते हुए कहा | "होगी!" उपेक्षा से श्रद्धा बाबू ने कहा | "आप आज मुन्ना को क्या लाकर देंगे?" "तुम ही कुछ लाकर दे दो |" "मैं ही क्यों?" "तुम्हारा इस पर अधिकार है |" "और तुम्हारा कोई अधिकार नहीं है?" "मेरा अधिकार!" कुछ सोचते हुए श्रद्धा बाबू ने कहा, "तुम्हीं बताओ, मेरा इस पर क्या अधिकार है?" "तुम इसके पिता हो |" "लेकिन असली नहीं |" "आपको ऐसी बातें मुन्ना के सामने नहीं कहनी चाहिए | अब वह