अंगूर खट्टे थे की कहानी झूठी थी। पढ़िये इसकी वास्तविकता व्यंग्य शैली में। आज की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों को दर्पण दिखाती यह कथा नया नजरिया देगी।